By - Simran Singh
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एक बार उन्हें अपनी ही पत्नी के श्राप का भागी बनना पड़ा था।
शनि देव बड़े तपस्वी थे, और वे अपनी भक्ति और तपस्या में अत्यधिक समय बिताते थे।
शनि देव का विवाह चित्ररथ की कन्या से हुआ था।
शनि देव की पत्नी को संतान प्राप्ति की इच्छा हुई। तो वो शनिदेव के पास गई लेकिन वो तपस्या में लीन थे।
पत्नी के प्रयास के बावजूद शनि देव का ध्यान भंग नहीं हुआ जिससे उनकी पत्नी बहुत नाराज हो गईं।
उन्होंने गुस्से में शनि देव को श्राप दे दिया कि जब भी वे किसी पर दृष्टि डालेंगे, उसकी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति हो जाएगी।
इसी कारण से शनि देव अपनी आंखें झुकाकर रखते हैं। ताकि उनकी दृष्टि से किसी को नुकसान न हो।