जानिए! रामलला की मूर्ति काले पत्थर से बनाने की खास वजह

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का अभिषेक होने जा रहा है।

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इससे पहले गुरुवार को रामलला की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की गई।

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इस मूर्ति को खड़ी अवस्था में रखा गया है, ताकि दूर से लोग प्रभु राम के दर्शन कर सकें।

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मूर्ति में श्रीराम की मधुर मुस्कान, माथे पर तिलक और हाथों में धनुष-बाण लिए दिखाई दे रहे हैं।

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रामलला की इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है।

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मूर्ति का निर्माण नेपाल की गंडकी नदी से लाए गए शालिग्राम पत्थर से किया गया है।

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भगवान विष्णु का रूप माने जाने वाले शालिग्राम पत्थर की पूजा लगभग हर हिंदू घर में की जाती है।

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शालिग्राम पत्थर आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत पूजनीय है, इसलिए मूर्ति बनाने के लिए इसी पत्थर को चुना गया।

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रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण में प्रभु राम के सांवले रंग का उल्लेख है।

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इसलिए भगवान राम की मूर्ति के लिए किसी अन्य रंग का चयन करना ठीक नहीं होता। 

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यह प्रतिमा काले रंग के पत्थर श्याम शिला से बनी है, जिसकी आयु हजारों वर्ष है और  यह जलरोधक है।

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इस मूर्ति का वजन करीब 200 किलो और ऊंचाई 51 इंच और चौड़ाई तीन फीट है।

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