स्क्रब टाइफस (Scrub Typhus) जानिए क्या है ये बीमारी?
डेंगू, वायरल बुखार, कोविड और मलेरिया जैसी बीमारियों के बाद अब शिमला में स्क्रब टाइफस बीमारी जानलेवा साबित हो रही है। स्क्रब टाइफस अब तक शिमला में पांच लोगों की जान ले चुका है।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अब तक 700 से ज्यादा लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं।
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साल 2022 में हुए एक शोध के मुताबिक इस बीमारी के कारणों में किडनी फेल्योर, विकलांगता और गंभीर किडनी फेलियर शामिल हैं।
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इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना, देर से निदान और इलाज की कमी मौत का कारण बनती है। ऐसे में जरूरी है कि हम स्क्रब टाइफस के बारे में जानें, ताकि इससे बचाव किया जा सके।
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यह बीमारी ओरिएंटिया सुटसीगामुशी नामक बैक्टीरिया से फैलती है। कुछ प्रकार के कीड़े काटने से इस बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाते हैं।
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इनमें शिगर्स और लारवल माइट्स जैसे सूक्ष्म कीड़े शामिल हैं, जिन्हें बहुत सावधानी से देखने की जरूरत पड़ती है। ऐसे कीड़े बहुत अधिक हरियाली वाले जगहों पर, जंगल और घास के मैदान में ज्यादा पनपते हैं।
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ये कीड़े इंसान की खाल खाकर जीवित रहते हैं। शिगर्स आमतौर पर टखनों, निचले पैरों, घुटनों और कमर के क्षेत्रों को काटते हैं।
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स्क्रब टाइफस से संक्रमित होने पर आमतौर पर बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कीड़े के काटने वाली जगह पर रंग में बदलाव, रैशेज जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। गंभीर मामलों में व्यक्ति में ऑर्गन फेलियर भी हो सकता है।
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स्क्रब टाइफस के लिए अभी तक कोई टीका नहीं है, इसलिए इससे बचने के लिए सावधानियां बरतने की जरूरत है।