By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
यहाँ अंगूठी पहनना सामान्यतः वर्जित माना गया है। यह अहंकार का प्रतीक माना जाता है, इसलिए धार्मिक रूप से अंगूठे में धातु या रत्न पहनने की सलाह नहीं दी जाती।
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कुछ तंत्र परंपराओं में यह शक्ति और इच्छाशक्ति बढ़ाने के लिए उपयोग होता है, पर सामान्य लोगों के लिए नहीं।
यह बृहस्पति का स्थान माना गया है। यहाँ पुखराज (Yellow Sapphire) पहनने से ज्ञान, बुद्धि, सम्मान और अध्यात्म बढ़ता है।
धार्मिक रूप से यह उंगली धर्म, शिक्षा और नेतृत्व का प्रतीक है। तर्जनी में रत्न पहनना धार्मिक रूप से शुभ माना जाता है।
यह शनि ग्रह की उंगली मानी जाती है। यहाँ नीलम (Blue Sapphire), अमेथिस्ट (Jamunia) या शनि से संबंधित रत्न पहने जाते हैं।
शनि न्याय, कर्म, अनुशासन और संघर्ष का प्रतीक है। सही सलाह के बिना यहां रत्न पहनना जोखिमपूर्ण माना जाता है।
यह सूर्य (Surya) और अपोलो (कलात्मक ऊर्जा) की उंगली मानी गई है। अनामिका में सोने की अंगूठी धार्मिक रूप से बहुत शुभ मानी जाती है।
यह सूर्य (Surya) और अपोलो (कलात्मक ऊर्जा) की उंगली मानी गई है। अनामिका में सोने की अंगूठी धार्मिक रूप से बहुत शुभ मानी जाती है।
यह बुध ग्रह की उंगली है। यहाँ पन्ना (Emerald) पहनने से बुद्धिमत्ता, संचार कौशल और व्यापार में लाभ मिलता है।
धार्मिक रूप से यह उंगली तर्क, संवाद और व्यापारिक सफलता से जुड़ी है। बुध कमजोर हो तो इस उंगली में रत्न पहनना लाभदायक है।