बिना टिकट यात्रियों से रेलवे ने वसूले इतने हजार करोड़

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भारतीय रेलवे को देश भर में एक सस्ते और अच्छे सार्वजनिक परिवहन ऑप्शन के रूप में देखा जाता है। देश भर में रेलवे नेटवर्क के कारण यात्रियों द्वारा रेलवे को प्राथमिकता दी जाती है। 

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भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा रेल यात्री हैं। वहीं, बिना टिकट सफर करने वाले यात्रियों की संख्या ज्यादा है। पिछले वर्ष में बिना टिकट यात्रियों से रेलवे को भारी रेवेन्यू की कमाई हुई है।

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रेलवे ने 2022-23 में गलत टिकट के साथ या उसके बिना यात्रा करने वाले 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़ा। वर्ष 2021-22 की तुलना में ऐसे यात्रियों की संख्या में एक करोड़ से अधिक की वृद्धि हुई है

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RTI के तहत मिले जवाब में यह जानकारी सामने आई है। RTI के जवाब के अनुसार, 2019-20 में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट या गलत टिकट के साथ यात्रा करते हुए पकड़े गए।

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2021-22 में यह संख्या बढ़कर 2.7 करोड़ और 2022-23 में 3.6 करोड़ हो गई। 2020-21 में कोविड-19 महामारी की लहर थी। उस साल यह आंकड़ा 32.56 लाख था।

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रेलवे ने गलत टिकट और यात्रा करने वाले यात्रियों से 2020-21 में 152 करोड़ रुपये, 2021-22 में 1,574.73 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2,260.05 करोड़ रुपये जुर्माना वसूला है।

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बिना टिकट साल 2022-23 में रेलवे द्वारा बिना टिकट पकड़े गए यात्रियों की संख्या कई छोटे देशों की आबादी से भी ज्यादा है। बिना टिकट यात्रा करना दंडनीय अपराध है।

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वहीं दूसरी ओर यह बात सामने आई है कि उससे भी कम रेल हैं। कोरोना महामारी के दौरान कई एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गईं। उन एक्सप्रेस ट्रेनों को दोबारा शुरू नहीं किया गया। 

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नतीजतन, रेलवे में भीड़ में भारी वृद्धि हुई है। छुट्टियों के दौरान भारी भीड़ के चलते आरक्षित डिब्बों में सामान्य टिकटों पर सफर करने वाले यात्रियों की संख्या भी बढ़ गई है