By - Shiwani Mishra

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ये कैसा गांव है, भला। 5G के जमाने यहां बिजली तक नहीं है। इंटरनेट तो क्या  होगा, किसी के पास मोबाइल तक भी नहीं है।

मनोरंजन का कोई साधन नहीं- न टीवी, न रेडियो। किसी को कहीं बात करनी हो तो उसके लिए पूरे गांव में मात्र एक बेसिक फोन लगा है।

साधन

 किसी को भी ऐसा ही लगेगा, लेकिन यहां आपका अंदाजा गलत है। गांव के लोग गरीबी के कारण आदम युग में जी रहे हैं, बल्कि यहां के लोगों ने खुद ही सबकुछ त्याग रखा है।

गरीबी

 कोई भौतिक सुविधाएं नहीं बस सादा जीवन, उच्च विचार है, यहां गांव के लोग इसी विचार पर जीते हैं। गांव में 14 परिवार रहते हैं, जिन्होंने कृष्ण भक्ति में अपना जीवन समर्पित किया है।

भौतिक सुविधा

इस गांव का नाम है कुर्माग्राम, जो आईटी हब कहे जाने वाले आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में पड़ता है। शहर से करीब 6 किलोमीटर दूर है। 

कुर्माग्राम

  यहां लोगों के घर नौवीं शताब्दी के भगवान शअरीमुख लिंगेश्वर मंदिर की तर्ज पर बने हुए हैं। 

शताब्दी

यहां के लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके गांव के बाहर या दुनियाभर में क्या चल रहा है।

गांव

बता दें कि बाहर से आनेवाले लोगों से उन्हें खबर मिलती रहती है और गांव जैसे-जैसे फेमस हो रहा है।

फेमस

यहां आनेवाले लोगों की संख्या भी बढ़ रही है। वैदिक पद्धति से जीवनयापन कर रहे लोगों के इस गांव में विदेशी भी आते हैं। 

जीवनयापन