By - Preeti Sharma
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धरती पर एक पेड़ ऐसा भी मौजूद है जिले स्वर्ग से लेकर आया गया था। यह पेड़ काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार देवताओं और दानवों के बीच हुए समुद्र मंथन में 14 रत्न निकले थे जिसमें से एक पारिजात का पेड़ भी था।
भगवान इंद्र इस पेड़ को अपने साथ स्वर्ग लेकर आए। इस पेड़ के बीज को भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी रूक्मिणी को भेंट किया।
कहा जाता है कि देवर्षि नारद ने भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी को इस पेड़ के लिए उकसाया और सत्यभामा इस पेड़ की मांग करने लगी।
भगवान कृष्ण पारिजात पेड़ को अपनी पत्नी के लिए जब धरती पर लेकर आ रहे थे तो भगवान इंद्र ने श्राप दिया।
उन्होंने श्राप दिया कि इस पेड़ के फूल हमेशा रात में ही खिलेंगे और इसमें कभी फल नहीं आएंगे।
इस पेड़ को कई नामों से जाना जाता है जैसे हरश्रृंगार, पारिजात, प्राजक्ता, शेफाली और शिउली।