By - Preeti Sharma
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मिथुन चक्रवर्ती को हाल ही में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
मिथुन चक्रवर्ती एक गैर फिल्मी जिंदगी से ताल्लुख रखते थे। वह बचपन में फुटबॉल खिलाड़ी बनने का सपना देखते थे।
एक्टर के बेहतर भविष्य के लिए उनके माता पिता ने उन्हें जबदस्ती मुंबई चाचा के यहां रहने के लिए भेजा।
एक्टर ने मुंबई की सड़कों पर फाउंटेन पेन बेचने का काम भी किया है। वह प्लेटफार्म पर भी सोए हैं।
मिथुन पुणे के एटीआईआई में एक्टिंग का कोर्स करना चाहते थे, इसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे।
कोर्स की फीस भरने के लिए मिथुन की मां ने अपने सोने के गहने बेच दिए थे।
मिथुन ने जब बॉलीवुड का रुख किया तो उन्हें उनके रंग की वजह से नकार दिया जाता था।
एक समय बाद उन्हें कोलकाता के फिल्मेकर मृणाल सेन से बुलावा आया और उन्हें फिल्म मृगया का ऑफर मिला।
मिथुन ने फिल्म डिस्को डांसर से स्टारडंम का स्वाद चखा और बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई।