अपान वायु मुद्रा करने से दूर होंगी कई समस्याएं, जानिए फायदे और करने का सही तरीका
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अगर आप घंटों योग नहीं कर सकते हैं तो योगासनों से खुद को आसानी से फिट रख सकते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार होता है।
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अपान वायु मुद्रा से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है और इन योगासनों से चिंता, तनाव,अवसाद का खतरा नहीं रहता है।
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अपान वायु मुद्रा को नियमित 4 से 5 मिनट तक करने से आपको हृदय संबंधी रोग होने की संभावना कम हो जाती है और हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
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अपान वायु मुद्रा से हाई बीपी की समस्या को कम होती है और नसों से जुड़े संकुचन को दूर किया जा सकता है।
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अपनी वायु मुद्रा से वात, कफ और पित्त को संतुलित किया जा सकता हैं। इस मुद्रा से एसिडिटी, पाचन में सुधार और पेट संबंधित समस्या दूर हो जाती है।
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अपान वायु मुद्रा करने के लिए सबसे पहले सुख आसन में बैठें, इसके बाद हथेलियों को ऊपर की ओर रखतें हुए घुटनों पर रखें।
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अब, आप इंडेक्स फिंगर यानी पहली उंगली को मोड़कर अंगूठे के छोर (निचले हिस्से) पर रखें। इस दौरान अंगूठे को मोड़ें।
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इसके बाद मीडिल और रिंग फिंगल को अंगूठ के टिप पर छुआएं। इसके साथ ही, आप लिटिल फिंगर को बाहर की ओर फैलाएं।
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मुद्रा को करते समय आंखें बंद रखें और गहरी सांस लें। पूरा ध्यान सांसों पर रखें।
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शुरुआत में 3-5 मिनट तक इस मुद्रा को करें, बाद में इस पोजीशन को आप 10 से 15 मिनट तक कर सकते हैं।
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अपान वायु मुद्रा से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है।
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