महाराष्ट्र बजट को नारी शक्ति का सम्मान करने वाला बजट बताया जा रहा है सरकार के मुताबिक अजित पवार ने भी महिलाओं के लिए सरकार की तिजोरी खोल दी है।

मंगलवार को अजित पवार ने बजट में 1 लाख महिलाओं को रोज़गार देने का ऐलान किया है। साथ ही 37 हजार आंगन वाड़ियों के लिए सोलर एनर्जी का प्रावधान किया है।

अजित ने महिलाओं को रोजगार के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पांच हजार गुलाबी रिक्शा देने की घोषणा की है।

साथ ही राज्य में आंगनबाड़ी सेविकाओं के 14 लाख पद भी भरे जाने की भी योजना बनाई है।

राज्य सरकार ने "एकीकृत एवं सतत वस्त्र उद्योग नीति 2023 - 28" की घोषणा की गई है।

अंत्योदय योजना के राशन कार्ड पर एक परिवार को एक साड़ी निःशुल्क वितरित की जाएगी।

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत 25 हजार उद्योग इकाइयों के माध्यम से 30 प्रतिशत महिला उद्यमी तैयार किए जाएंगे। इस साल राज्य में 50 हजार नई नौकरियां पैदा होंगी।

वित्त मंत्री अजित पवार ने राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर ले जाने का संकल्प लिया है।

उन्होंने सड़क, पर्यटन व बुनियादी ढांचे के विकास पर ख़ास जोर दिया है। राज्य के कुल व्यय के लिए 6 लाख 522 करोड़ रुपये के प्रावधान किया है।

बजट में महायुति सरकार ने कृषि विभाग के लिए 3 हजार 650 करोड़ रुपये का  प्रावधान किया है। बागवानी कृषि पर 708 करोड़ रुपये खर्च किए पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन विभाग के लिए 555 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

बजट में  मराठवाड़ा के अलग-अलग जिलों के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं। खासकर छत्रपति संभाजीनगर में हवाई अड्डे के विस्तार की योजना के मद्देनज़र भूमि अधिग्रहण के लिए 578 करोड़ 45 लाख रुपये के फंड की घोषणा की गई है।

राज्य सरकार केंद्र सरकार की छत पर सौर पैनल योजना के तहत प्रत्येक घर को 78,000 रुपये की अनुदान राशि प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 7600 करोड़ राज्य को 7057 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण राज्य में 18 छोटे औद्योगिक परिसर शुरू होंगे मिहान परियोजना के लिए 100 करोड़ कौशल्य विभाग को 807 करोड़ रुपये लोनार, अजिंता, कलसुबाई, सागरी किलों में पर्यटन सुविधाएं कश्मीर और अयोध्या में महाराष्ट्र भवन बनाए जाएंगे . वर्सोवा बांद्रा सी ब्रिज पालघर तक बनाया जाएगा सात हजार किलोमीटर लंबी सड़कें शुरू की जाएगी रेडियो क्लब जेट्टी के लिए 227 करोड़ का फंड

महाराष्ट्र के बजट में सबसे ज्यादा राजस्व देनेवाली मुंबई की अनदेखी हुई। कुछ गिनी-चुनी पुरानी परियोजनाओं को छोड़ दें तो मुंबई करों को निराशा हाथ लगी है।

विपक्ष का आरोप है कि महायुति सरकार ने बजट में मुंबईकरों को झुनझुना थमाया है। हालांकि सत्ता पक्ष ने इन आरोपों को खारिज किया है।

मुंबई के विद्यार्थियों के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। महिला सुरक्षा के लिए बजट में कुछ भी नहीं है।

मुंबई में रोजगार करने वालों के लिए बजट निराशाजनक रहा है। मुंबई में लोगों का मानना है कि बजट ख़ास वर्गों को खुश करने के लिए बनाया गया है।