जानिए! सावन का महीना भगवान शिव को इतना प्रिय क्यों है?

माता पार्वती ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और सावन माह में शिवजी ने माता पार्वती से विवाह किया था, इसलिए उन्हें यह माह प्रिय है।

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ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शिव अपने रूद्र अवतार में होते हैं, तो वे बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन इस अवतार में वे जल्दी क्रोधित भी हो जाते हैं।

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 ऐसे में सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया जाता है।

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धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि सावन माह में ही देवताओं और असुरों द्वारा समुद्र मंथन किया गया था। जिसमें हलाहल विष निकला था।

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संसार के उत्थान के लिए भगवान शिव ने स्वयं उस विष को कंठ में धारण कर लिया था। इसलिए उन्हें नीलकंठ के नाम से भी जाना जाता है।

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सभी देवताओं ने विष के वेग को कम करने के लिए शिवजी पर जल का अभिषेक किया था।

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यही कारण है कि सावन के महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों की सभी प्रार्थनाएं सुनते हैं। 

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