बच्चों को स्मार्टफोन देने से पहले जान लें ये बातें, वरना पड़ेगा पछताना 

अगर आप अपने बच्चे को स्मार्टफोन देते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है।

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सेपियन लैब की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 80 से 90 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन के कारण मेंटल हेल्थ की समस्याओं से ग्रस्त हैं। ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि आप अपने बच्चों को फोन से दूर रखें।

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आपके बच्चे वीडियो, टीवी शो और गेम खेलने के लिए घंटों फोन से चिपके रहेंगे और ऐसे में बाहरी दुनिया से उनका जुड़ाव कम हो जाएगा।

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स्मार्टफोन के इस्तेमाल से बच्चों में शारीरिक व्यायाम और खेलकूद भी बंद हो जाएगा।

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बच्चों को जरूरत पड़ने पर अपना फोन दें, ताकि वो अपने दोस्तों से बात कर सकें या उन्हें मैसेज कर सकें।

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बच्चों को स्मार्टफोन देने में जितना हो सके देरी करें और अगर देना ही पड़े तो पेरेंटल कंट्रोल लगाकर दें।

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14 साल की उम्र पर्सनल स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की अच्छी है। इस उम्र में टीनएज की शुरुआत होती है और उसमें विद्रोही व्यवहार भी डेवलप होने लगता है।

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बच्चे को स्मार्टफोन देते समय उसे फोन के सही इस्तेमाल से जुड़ी बातें समझाएं।

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आजकल टीनएजर और स्कूल जाने वाले बच्चे जो गेम्स खेलते हैं उनमें से ज्यादातर में हिंसा दर्शायी जाती है।

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हिंसक खेल खेलने से आपका बच्चा गुस्सैल और हिंसक हो सकता है।

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अगर आप अपने छोटे बच्चे को फोन केवल इसलिए दे रहे हैं ताकि वह आपसे आसानी से संपर्क कर सके। तो उसे स्मार्ट फोन देने की बजाय साधारण फोन दीजिए।

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स्मार्टफोन के इस्तेमाल को सुरक्षित, अच्छा और पॉजिटिव बनाना एक हेल्दी रिलेशनशिप और अच्छी बातचीत से ही संभव होगा।

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