विजयदशमी में क्यों की जाती है शस्त्र पूजा, जानें सही मुहूर्त और नियम
विजयादशमी के दिन भगवान श्री राम के साथ शस्त्र पूजन की भी परंपरा है।
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दशहरे के दिन विधि-विधान से शस्त्रों की पूजा करने से शत्रु पर विजय का आशीर्वाद मिलता है।
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इसलिए इस दिन आम लोगों के साथ-साथ भारतीय सेना भी विशेष रूप से शस्त्रों की पूजा करती है।
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हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार विजयादशमी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की उदया तिथि में यानी 24 अक्टूबर को मनाई जा रही है।
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इस दिन विजय मुहूर्त यानी 24 अक्टूबर को दोपहर 01:46 बजे से 02:31 बजे तक शस्त्र पूजा की जाएगी।
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दशहरे के दिन शस्त्र पूजा करने से शोक और भय का नाश होता है और देवी विजया भी प्रसन्न होती हैं।
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पूजा करते समय 'आश्विनस्य सिते पक्षे दशम्यां तारकोदये, स कालो विजयो ज्ञेयः सर्वकार्यार्थसिद्धये' मंत्र का जाप करें।
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पौराणिक कथा के अनुसार, जब महिषासुर नाम के महान राक्षस ने देवताओं को भी हरा दिया था, तब सभी देवता भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के पास गए और उन्होंने अपने मुख से तेज प्रकट किया, जो देवी का रूप बन गया।
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इसके बाद देवताओं ने देवी को अपने दिव्य हथियार प्रदान किए और इन हथियारों की मदद से देवी ने महिषासुर का वध किया।
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माना जाता है कि वह तिथि आश्विन शुक्ल दशमी की ही थी, इसलिए इस शुभ तिथि पर विशेष रूप से शस्त्रों की पूजा की जाती है।