By - Deepika Pal Image Source: Social Media
महाराष्ट्र की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं से जुड़ा हुआ त्योहार है। इसे बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते है।
गुड़ी पड़वा का त्योहार भगवान ब्रह्मा द्वारा सृष्टि की रचना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन से ही हिंदू नववर्ष की शुरूआत होती है।
गुड़ी पड़वा पर नीम और गुड़ खाने की परंपरा होती है, इसे कड़वेपन औऱ मिठास से जोड़ते है।
यह त्योहार वसंत ऋतु की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो नई उमंग और जीवन की शुरुआत का प्रतीक है।
महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा का त्योहार बहुत उत्साह के साथ मनाते है और नए कपड़े पहनकर परिवार के लोग भगवान का आशीर्वाद लेते है।
गुड़ी पड़वा के दिन गुड़ी को घर की पूर्व दिशा में लगाना सबसे शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा को शुभता, ऊर्जा और नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है।
गुड़ी की स्थापना, रंगोली, पूजा-पाठ और विशेष व्यंजनों के माध्यम से यह उत्सव खुशहाली और सकारात्मकता का संदेश देता है।