By - Shiwani Mishra

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झारखंड की जमीन रहस्यों से भरी हुई है। भूवैज्ञानिकों यहां की जमीन पर किए शोध से हुए कई खुलासे। 

शोध में भारत , ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के भूवैज्ञानिकों ने पाया सिंहभूम के बलुआ पत्थर में प्राचीन नदी चैनल, ज्वार भाटा और तट करीब 3.2 अरब साल पुराने होने के भूगर्भीय संकेत मिले।

शोध

करीब 3.2 अरब साल पहले धरती पहली बार समुद्र से बाहर निकली थी और जो इलाका सबसे पहले निकला था। वो झारखण्ड का सिंहभूम इलाका हो है।

धरती

 धरती का यही इलाका सबसे पहले समुद्र से बाहर निकला था, प्राचीन चट्टानों में जिक्रोन अनाज की रासायनिक संरचना से, वैज्ञानिकों ने महसूस किया कि यह 3.1 अरब वर्ष पुराना था। 

इलाका

नदियों और महासागरों से निकला था, जल निकाय महाद्वीपीय भूमि की उपस्थिति में ही मौजूद हो सकते हैं।

महाद्वीपीय भूमि

झारखंड का सिंहभूम क्रेटन पहली बार लगभग 3.3 बिलियन से 3.2 बिलियन साल पहले समुद्र तल से ऊपर आया, इससे पृथ्वी पर सबसे प्राचीन समुद्र तटों में से एक का टैग दिया।

झारखंड

सिंहभूम क्षेत्र में बलुआ पत्थरों के रूप में ठोस सबूत पाए गए थे, जिसमें 3.2 अरब साल पुराने प्राचीन समुद्र तटों के निशान मिले हैं।

सिंहभूम क्षेत्र

 प्लेट टेक्टोनिक्स के कारण इस विशेष क्षेत्र में भूमि का निर्माण हुआ, क्योंकि पृथ्वी की गहराई से मैग्मा के इंजेक्शन ने पहले महाद्वीपों का निर्माण किया।  

प्लेट टेक्टोनिक्स

जो पृथ्वी के वायुमंडल और महासागरों के संबंध को अधिक संदर्भ देते हैं। जो जरुरी जलवायु परिवर्तन के युग में विशेष रूप से है।

वायुमंडल