By - Priya Jais
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झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन के बेटे हैं। उन्होंने 2005 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा।
हेमंत ने 2005 के झारखंड विधानसभा चुनाव में दुमका सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
2009 में वे झारखंड विधान परिषद के सदस्य बने, जिससे उनकी राजनीतिक यात्रा को मजबूती मिली।
2010 में बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार में वे झारखंड के उपमुख्यमंत्री बने।
जुलाई 2013 में उन्होंने पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनकी सरकार ने 2014 तक शासन किया।
2014 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन अपनी सीट (दुमका) हार गए, लेकिन विपक्ष के नेता के रूप में सक्रिय रहे।
हाल के वर्षों में हेमंत सोरेन पर खनन पट्टों और अन्य मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगे, जो उनकी सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हुए।
सोरेन सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन और जनजातीय अधिकारों को प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए।