राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पूरा देश राममय हो गया है।

'कण-कण' में राम तो सुना होगा लेकिन हर 'जन' में राम आपने नहीं सुना होगा।

दरअसल ये बात पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा में स्थित रामपारा गांव की है।

यहां आप 'राम' पुकारेंगे तो हर घर से कोई न कोई दौड़ते हुए आएगा।

क्योंकि यहां रहने वाले बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक, हर व्यक्ति का नाम राम है।

इस गांव के लोगों के मन में प्रभु राम के लिए अगाध श्रद्धा है।

इसलिए किसी के नाम के शुरू में, किसी के नाम के आखिर में तो किसी के नाम के बीच में 'राम' ज़रूर होता है।

जैसे की रामकनाई, रामकांत, रामदुलाल, रामकृष्ण इस तरह राम में राम जुड़ा है।

हर नवजात बच्चे का नाम यहां राम पर ही रखा जाता है।

राम भक्ति की यह अनोखी परंपरा ढाई सौ साल से लगातार चली आ रही है।

लेकिन इसमें सबसे कमाल की बात यह है कि नामों को दोहराया भी नहीं जाता है। यानी कि जो नाम रखा जा चुका है, वह दोबारा नहीं रखा जाएगा।

लेकिन इसमें सबसे कमाल की बात यह है कि नामों को दोहराया भी नहीं जाता है। यानी कि जो नाम रखा जा चुका है, वह दोबारा नहीं रखा जाएगा।