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चीन ने कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए मंजूरी दे दी है जिस पर साल 2020 से रोक थी।
हिंदू धर्म के लोग कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास स्थान मानते हैं।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा फिर से शुरू होना श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला है।
भारत सरकार एमईए और चीन सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत इस यात्रा को बहाल किया है।
कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए पासपोर्ट और वीजा का होना जरूरी है।
हर साल कैलाश मानसरोवर के लिए सीमित संख्या में तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाती है।
नियमों के अनुसार एक यात्रा दल में करीब 60 -100 तीर्थयात्री होते हैं।
यह यात्रा मई से सितंबर के बीच होती है और हर यात्रा लगभग 21 से 25 दिन की होती है।