बिपरजॉय नाम कैसे आया? जानें तूफान का नाम किसने रखा?

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चक्रवात बिपरजॉय तेज हो गया है। चक्रवात का असर रविवार से ही दिखने लगा है।

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वर्तमान चर्चा इस तूफान का नाम है इस चक्रवात का नाम कैसे पड़ा? तूफानों के नाम कौन तय करता है? हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं।

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तूफानों का नामकरण कैसे और किसके द्वारा किया जाता है? खास बात यह है कि हर बार आने वाले तूफानों के नाम अजीब और अलग होते हैं। वास्तव में इन नामों को देने की प्रक्रिया क्या है?

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IMD अब तक कई तूफानों के नामों की घोषणा कर चुका है। ये नाम वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (WMO) पैनल द्वारा एप्रूव्ड हैं। इसी सूची के अनुसार आने वाले तूफानों का नाम तय किया जाता है।

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6 जून को एक चक्रवात अरब महासागर से टकराया। इस चक्रवात का नाम बिपरजॉय रखा गया। बिपरजॉय एक बांग्ला शब्द है। इसका अर्थ है संकट। बिपरजॉय नाम बांग्लादेश ने दिया था।

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1950 तक हरिकेन का नाम नहीं रखा जाता था। अटलांटिक क्षेत्र में हरिकेन का नामकरण 1953 में शुरू हुआ। हिंद महासागर क्षेत्र के आठ देशों ने 2004 में इन तूफानों का नामकरण शुरू किया था।

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इन आठ देशों में भारत, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका शामिल हैं। इसके बाद 2018 में ईरान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यमन का स्थान रहा।

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भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड, म्यांमार, ओमान और मालदीव ने विश्व मौसम विज्ञान संगठन को तूफान के नामों की एक सूची सौंपी है।

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उन नामों में से एक नाम चुना जाता है जब इन देशों में कहीं तूफान आता है। चूंकि इस बार नाम देने की बारी बांग्लादेश की थी, इसलिए बांग्लादेश ने 'बिपारजॉय' नाम दिया। 

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यह सूची अगले 25 वर्षों के लिए तैयार की जाती है। 25 वर्षों में संकलित की गई सूची में प्रत्येक वर्ष कम से कम पांच तूफानों को शामिल किया गया है।

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