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कुंभ मेले में हादसे का इतिहास, भीड़ के कारण पहले भी गवाई कई लोगों ने जान

महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या की रात को संगम पर भारी भीड़ के कारण कई लोगों की जान चली गई।

मौनी अमावस्या

महाकुंभ में स्नान करने के लिए लोगों के बीच भगदड़ की घटना हुई जिसकी वजह से करीब 10 लोगों की मौत की आशंका जताई है।

महाकंभ में भगदड़

लेकिन बता दें कि भीड़ के कारण यह हादसा कुंभ में पहली बार नहीं हुआ है। बल्कि इससे पहले भी ऐसे हादसे हुए हैं।

हादसे में गवाई जान

साल 1954 में पहली बार प्रयागराज में कुंभ मेला आयोजित हुआ था उस समय करीब 800 लोगों की मौत हुई थी।

आजादी के बाद पहला कुंभ

साल 1986 में हरिद्वार कुंभ के दौरान मची भगदड़ की वजह से लगभग 200 लोगों की मौत हुई थी।

साल 1986 कुंभ

वहीं नासिक कुंभ 2003 में भी इस तरह हुई भगदड़ की वजह से करीब 39 लोगों की मौत हुई थी।

नासिक कुंभ

साल 2010 में हरिद्वार में कुंभ के दौरान शाही स्नान करते हुए साधुओं और श्रद्धालुओं के बीच झड़प की वजह से 7 लोगों की मौत हुई थी।

2010 का हादसा

2013 में प्रयागराज कुंभ में एक बार फिर हादसा हुए और करीब 42 लोगों की मौत हुई।

2013 में हादसा

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