यहां की महिलाएं कभी भी नहीं मनाती करवा चौथ, पति को लगता है श्राप
1 नवंबर को करवा चौथ है, इस दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर अपने पतियों की लंबी उम्र की प्रार्थनाकरती हैं।
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महिलाएं पूरे दिन पानी की एक बूंद भी नहीं पीती, ताकि उनके पति लंबी और खुशहाल जिंदगी जी सकें।
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लेकिन भारत में ही एक ऐसी जगह है जहां महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं।
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क्योंकि वहां के लोगों का मानना है कि यहां सती का श्राप है, व्रत करने से उनके पतियों की जान को खतरा हो सकता है।
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मथुरा के सुरीर कस्बे की मांट तहसील में स्थित सुरीर के मोहल्ला वघा में ठाकुर समाज के सैकड़ों परिवार करवा चौथ यानी अहोई अष्टमी का त्योहार नहीं मनाते हैं।
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यहां के तीन गांव करनाल जिले के कतलाहेडी, गोंदर व औंगद में करवाचौथ का व्रत रखना मना है।
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मान्यता है कि करीब 600 साल पहले राहड़ा की लड़की की शादी गांव गोंदर के युवक से हुई थी।
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करवा चौथ के मौके पर गांव कस्बे में हुए झगड़े में लोगों ने उस ब्राह्मण युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी।
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युवक की मृत्यु के बाद ब्राह्मण की पत्नी अपने पति के शव के साथ सती हो गई।
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सती होने से पहले उसने गुस्से में गांव की महिलाओं को श्राप दिया कि जो भी अपने पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखेगी, उसका पति मर जाएगा।
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इसी डर से आज तक उस गांव में करवा चौथ का व्रत नहीं मनाया जाता।