संजय लीला भंसाली की डेब्यू वेब सीरीज हीरामंडी के डायलाॅग्स ने दर्शकों के दिलों पर अलग छाप छोड़ी है।
हम चांद हैं, जो दिखता है खिड़की से मगर कभी किसी के बरामदे में उतरता नहीं है।
पुरानी दीवारों पार नहीं की जाती, गिरा दी जाती है।
आजादी की कीमत हम से ज्यादा कौन जानता है, शराफत ने हमें छोड़ा, मोहब्बत ने हमें छोड़ा, अब सिर्फ बगावत हमारी जिंदगी को मायने दे सकती है, एक बार मुजरे वाली नहीं, मुल्क वाली बनकर सोचो।
दर्द सह गए, दाग सह गए, धोखा भी सह जाते, अगर अपनी औलाद ने ना दिया होता।
औरत के असली दुश्मन तो उसके ख्वाब होते हैं आलमजेब, दिखाई तो देते हैं मगर पूरे नहीं होते।