गुरुदत्त की ये सदाबहार फिल्में, बन जाएगा दिन

By - Nikki Rai

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हर किसी को जरूर देखनी चाहिए

वसंत कुमार शिवशंकर पादुकोण यानी गुरु दत्त भारतीय सिनेमा के इतिहास के सबसे लोकप्रिय कलाकार मानें जाते हैं। 

 गुरु दत्त 

अभिनय से लेकर लेखन और निर्देशन तक में माहिर रहे गुरु दत्त की फिल्में आज भी एक मिसाल हैं।

लेखन और निर्देशन

9 जुलाई, 1925 को कर्नाटक जन्मे गुरु दत्त का बचपन कोलकाता में बीता था, लेकिन किस्मत मुंबई ले गयी। आइए जानें उनकी बेस्ट फिल्मों के बारे में...

कर्नाटक में जन्मे 

1955 में रिलीज हुई फिल्म ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ गुरु दत्त के अभिनय की रोमांटिक साइड दिखाती है। यह फिल्म गुरु दत्त की वर्सेटाइल एक्टिंग का सबूत है। 

मिस्टर एंड मिसेज 55 (1955)

गुरु दत्त निर्देशित यह फिल्म इंटेरनेशनल स्तर पर बेस्ट फिल्मों के कैटेगरी में रखी गई है। इस फिल्म में दत्त साहब ने दुनिया की कड़वी सच्चाई को बखूबी बड़े पर्दे पर उतारा था।

प्यासा (1957)

 गुरु दत्त की यह फिल्म जो आज मास्टरपीस मानी जाती है, मगर रिलीज के समय यह बहुत बड़ी असफलता बतायी गयी थी। ‘कागज के फूल’ उस वक्त की फ्लॉप फिल्म थी।

कागज के फूल (1959)

यह फिल्म लखनऊ के दो दोस्तों की कहानी दिखाती है, जिसे एक ही लड़की (वहीदा रहमान) से प्यार हो जाता है। यह फिल्म उस साल की हिट फिल्मों में शामिल हुई।

चौदहवीं का चांद (1960)

यह बिमल मित्रा के बंगाली नॉवल ‘साहेब बीबी गोलाम’ का अडेप्टेशन थी। यह उस वक्त के लिए एक बोल्ड स्टोरी थी क्योंकि यह फिल्म एक्स्ट्रामैरिटल अफेयर पर आधारित थी।

साहिब बीवी और गुलाम