By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
टैटू इंक में मौजूद केमिकल्स से खुजली, लालिमा या रैश हो सकते हैं।
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असुरक्षित सुई या अस्वच्छ उपकरण से बैक्टीरियल/वायरल इंफेक्शन हो सकता है।
हेपेटाइटिस B, हेपेटाइटिस C या HIV का खतरा बढ़ सकता है यदि सुई स्टेराइल न हो।
टैटू हटाने या ठीक होने के दौरान त्वचा पर मोटे निशान बन सकते हैं।
टैटू बनवाते समय और बाद में जलन, दर्द और सूजन हो सकती है।
कुछ रंगों की इंक (जैसे लाल और पीली) से लंबे समय तक सूजन और जलन रह सकती है।
कुछ टैटू पिगमेंट्स MRI स्कैन के दौरान गर्म होकर जलन पैदा कर सकते हैं।
समय के साथ टैटू का रंग हल्का पड़ सकता है या डिज़ाइन फैल सकता है।
लेज़र से टैटू हटाना महंगा, समय लेने वाला और दर्दनाक हो सकता है।
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली इंक को ‘फॉरेन ऑब्जेक्ट’ मानकर रिएक्शन दे सकती है।