By - Shiwani Mishra
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ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर यह पीढ़ी क्या है, जिसका जिक्र लगभग हर व्यक्ति की जुबां पर रहता है। आइए जाने इसके बारे में
1928 से लेकर 1945 में पैदा हुए लोगों को साइलेंट जनरेशन कहते हैं। क्योंकि इस समय जन्मे लोगों ने विश्व युद्ध और गुलामी का दौर देखा। इस दौरान लोग अन्याय को चुपचाप सहते थे।
1946 से 1964 के बीज पैदा हुए लोगों को बेबी बूमर्स कहते हैं। क्योंकि इनके जीवन में कई तकनीक आईं। इस पीढ़ी के लोगों ने अपना पूरा जीवन मेहनत के साथ तकनीकी युग में कार्य करने के तरीके को सीखने में बीता दिया।
1965 से 1980 के बीच पैदा हुए लोगों को जेनरेशन एक्स कहते हैं। इस जनरेशन को मॉर्डन जमाने की शुरुआत माना जाता है। इसे हिप्पी कल्चर, सिनेमा, आर्ट और म्यूजिक को एक नया आयाम देने वाली रॉक एंड रोल देने जनरेशन माना जाता है।
1981 से 2001 के बीच पैदा हुए लोगों को जेनरेशन वाई कहते हैं। ये पीढ़ी है, जिसने अपने जीवन में सबसे ज्यादा बदलावों को देखा और सीखा है। इस जनरेशन के लोगों ने न सिर्फ पुराने जमाने के लोगों की तरह जीवन व्यतीत किया है, बल्कि बदलती तकनीक के साथ खुद को बदला भी है।
2002 से 2012 के बीच पैदा हुए लोगों को जेनरेशन को जेन जी कहते हैं। इस पीढ़ी के लोगों की शुरुआत ही सोशल मीडिया से हुई। इस दौर में पैदा हुए लोगों ने ट्रोल्स-साइबर बुलिंग जैसी चीजों का सामना किया। इन्हीं के दौर में ट्रेंडिंग, वाइब्स जैसे कई स्लैंग भी फेमस हैं।
2013 से 2025 तक वर्तमान की जनरेशन को अल्फा हैं। इस जनरेशन में पैदा होने वाले बच्चे काफी तेज दिमाग और मल्टीटास्किंग वाले होते हैं।