By - Simran Singh

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वनवास

पांडवों को 13 वर्ष का वनवास मिला था तो बड़ी समस्या भोजन था।

वनवास में पांडवों के पास कई ऋषि—मुनि उनके पास भोजन करने आते थे

ऋषि—मुनि 

ऐसे में द्रौपदी ने युधिष्ठिर से कहा कि वह इस समस्या का समाधान करें।

द्रौपदी ने कही ये बात

तब युधिष्ठिर ने जल में कई दिनों तक सूर्यदेव की तपस्या की। जिससे सूर्यदेव ने प्रकट होकर समस्या पूछी।

सूर्यदेव की तपस्या

युधिष्ठिर ने सूर्यदेव को भोजन की समस्या बताई।

भोजन की समस्या

तब सूर्यदेव ने युधिष्ठिर को एक दिव्य बर्तन दिया बर्तन में खाना कभी खत्म नहीं होगा।

दिव्य बर्तन

सूर्यदेव ने दिव्य पात्र के साथ यह निर्देश दिया कि जब तक द्रौपदी अपना भोजन समाप्त नहीं कर लेती तब तक इस में भोजन रहेगा।

द्रौपदी का खाना

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