By: Simran Singh
NavBharat Live Desk
तुलसी की माला हमेशा साफ और शुद्ध रखनी चाहिए। इसे पहनते समय शरीर और मन दोनों की पवित्रता का ध्यान रखना आवश्यक है।
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सुबह स्नान के बाद तुलसी की माला धारण करना शुभ माना जाता है। रात में सोते समय कई लोग इसे उतारना भी उचित मानते हैं, पर यह व्यक्तिगत परंपरा पर निर्भर करता है।
शौचालय, बाथरूम या अत्यधिक गंदे स्थानों पर जाते समय तुलसी की माला हटाना उचित माना जाता है। इससे माला की पवित्रता बनी रहती है।
तुलसी की माला को कभी भी साबुन, परफ्यूम या किसी रसायन के संपर्क में न लाएँ। केवल स्वच्छ पानी से साफ किया जा सकता है।
भोजन करते समय कई लोग माला उतारते हैं, जबकि कुछ वैष्णव परंपरा में इसे पहने रखना भी ठीक माना जाता है। सामान्य नियम: चिपचिपे या तैलीय हाथ माला को न छुएँ।
तुलसी की माला पहनना एक तरह का आध्यात्मिक व्रत माना जाता है। इसे पहनकर झूठ बोलना, गाली देना, या गलत काम करना अनुचित माना जाता है।
कुछ परंपराओं में सोते समय माला उतारकर साफ स्थान पर रखने की सलाह दी जाती है। वैष्णव लोग इसे हमेशा पहनते हैं आप अपने संप्रदाय की परंपरा के अनुसार चल सकते हैं।
तुलसी की माला टूटने पर उसे फेंकना नहीं चाहिए। उसे बहते पानी, नदी में प्रवाहित करें या पौधे की जड़ में respectfully रख दें।
तुलसी की माला व्यक्तिगत होती है, इसे कभी भी किसी अन्य व्यक्ति को न पहनाएँ या न दें।
तुलसी की माला पहनकर मंत्र जाप, ध्यान और पूजा करना श्रेष्ठ माना जाता है। यह मन को शांत और स्थिर करती है।