हेडफोन या इयरफोन का ज्यादा इस्तेमाल बना सकता है बहरा, जानिए आपके लिए क्या है बेहतर?

लंबे समय तक ईयरफोन या हेडफोन का इस्तेमाल करना कानों के लिए बेहद खतरनाक होता है।

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ज्यादा वॉल्यूम पर घंटों इयरफोन या हेडफोन लगाने से लोगों के सुनने की क्षमता भी कम हो सकती है।

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इयरफोन कितना नुकसान पहुंचाएगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसे कितनी देर तक और कितनी तेज आवाज में लगातार इस्तेमाल करते हैं।

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लंबे समय तक और तेज आवाज में इयरफोन का इस्तेमाल करने से कान के पर्दे पर अधिक दबाव पड़ता है। जिससे कान का परदा क्षतिग्रस्त हो जाता है।

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इयरफोन हो या हेडफोन दोनों ही हमारे कानों को नुकसान पहुंचाते हैं।

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मगर जब बात आती है दोनों में से किसी एक को चुनने की, तो हमें हेडफोन का चयन करना चाहिए।

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हेडफोन, इयरफोन से इसलिए बेहतर है, क्योंकि ये इयरफोन की तरह केनाल के अंदर नहीं जाते, बल्कि बाहर की तरफ से कान को ढकते हैं।

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इयरफोन केनाल के अंदर डालते हैं, जिससे कान में मौजूद वैक्स का गहराई में उतरकर कानों में ब्लॉकेज का खतरा रहता है।

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इयरफोन के लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल से नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस (NIHL) का खतरा बढ़ जाता है।

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अगर आप मीटिंग, लेक्चर या म्यूजिक के लिए लंबे समय तक इयरफोन का उपयोग करते हैं, तो हेडफोन लगाना बेहतर है।

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