By -Deepika Pal
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डायनिंग टेबल के फैशन के बीच अब भी कई भारतीय घरों में नीचे बैठकर खाने की पुरानी परंपरा अपनाई जाती है।
जमीन पर आराम से बैठकर खाना खाकर भी चुस्त-दुरुस्त रहा जा सकता है। णें, तापमान और हवा।
खाने से दिल, दिमाग, जोड़, हड्डियों और मसल्स से जुड़ी तमाम तरह की परेशानियों को दूर किया जा सकता है।
जमीन पर बैठकर खाना खाते हैं तो पूरी रीढ़ की हड्डी पर इसका असर पड़ता है। ऐसे बैठने से रीढ़ की हड्डी और पीठ से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है।
खाना जब जमीन पर बैठकर खाया जाता है तब खून का संचार दिल तक आसानी से होता है।
व्हिस्की, ब्रांडी, रम, टकीला और वोडका बंद बोतल में खराब नहीं होती, क्योंकि उसमें चीनी नहीं होती।