योग करने से हर व्यक्ति को शांति और आनंद मिलता है। योग व्यक्ति के व्यवहार, विचारों और दृष्टिकोणों में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है।
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आजकल लोगों में हार्मोन से जुड़ी कई समस्याएं देखी जा रही हैं, जिनमें से एक थायराइड भी है।
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शरीर में थायराइड का स्तर बढ़ने या घटने से नुकसान हो सकता है। थायराइड से पीड़ित व्यक्ति का वजन अधिक या कम हो सकता है। ऐसे में योगासन से आप थायराइड कंट्रोल कर सकते हैं।
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थायराइड से पीड़ित लोगों को भ्रामरी प्राणायाम करना चाहिए। यह तनाव, चिंता, डिप्रेशन और बीपी से भी राहत दिलाता है।
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भ्रामरी प्राणायाम को हमिंग ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा करने से दिमाग शांत रहता है और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का अहसास होता है।
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हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म दोनों में ही उज्जायी प्राणायाम करना फायदेमंद साबित होता है। ऐसा करने से थायराइड से पीड़ित व्यक्ति को आराम मिलता है। उज्जायी प्राणायाम कम से कम 10 बार करना चाहिए।
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विपरीतकर्णी आसन थायराइड में लाभकारी सिद्ध होता है। विपरीतकर्णी आसन सुबह के समय पेट खाली करना चाहिए। यह आसन कमर दर्द और घुटनों के दर्द से भी राहत दिलाता है।
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सर्वांगासन से थायराइड को नियंत्रित किया जा सकता है। इस आसन से गर्दन और कंधे भी मजबूत होते हैं। सर्वांगासन से पाचन क्रिया भी बेहतर होती है।