कांवड़ यात्रा के दौरान भूल से भी ना करें ये गलतियां, उठाना पड़ेगा नुकसान
22 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। इसी के साथ शिवभक्त कांवड़ यात्रा के लिए निकल जाएंगे।
कांवड़ यात्रा 4 तरीके से (सामान्य, डाक, खड़ी और दांड़ी ) की जाती है।
यात्रा की शुरुआत में गंगा या किसी भी पवित्र नदी के जल से ही कांवड़ में भरा जाता है। कुंआ या तालाब से पानी भरना गलत है।
कांवड़
को स्नान करने के बाद ही उठाना है।
यात्रा के दौरान सात्विक भोजन ही करें।
विश्राम करते वक्त कांवड़ को कहीं भी ना रखें। इसे आप स्टैंड या डाली पर लटकाए। नीचे रखने से आपकी यात्रा अधूरी मानी जाएगी।
यात्रा के दौरान गुस्सा से बचे और वाणी पर संयम रखें।
यात्रा के दौरान बम-बम भोले का उच्चारण करते रहें।