By - Simran Singh
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कथा के अनुसार, राधा रानी से भयंकर अपराध हुआ जिससे क्रोधित होकर श्री कृष्ण ने उन्हें श्राप दे दिया।
इस कथा को किस ग्रंथ में लिखी है इसकी कोई जानकारी नहीं है।
जब श्री कृष्ण और राधा रानी गोलोक में रास रचा रहे थे, तब अचानक से श्री कृष्ण रास के माध्य से कहीं चले गए।
राधा रानी अकेले रह गई, तब उनके हृदय में इच्छा जागी कि गोलोक में भी एक बालक हो।
राधा रानी ने सोचा और तभी एक नन्हा सा बालक गोलोक में प्रकट हो गया।
राधा रानी परम सुंदरी हैं उनकी कल्पना का बालक भी परम तेजस्वी था।
इतना मनमोहक रूपवान था जिसकी वाख्या कर पाना भी संभव नहीं।
राधा रानी ने जब उस बालक को गोद में लिया तो बालक ने मुख खोलकर दिखाया जिसमें समस्त ब्रह्मांड था।
यह देख राधा रानी ने उस बालक को पानी में समाहित कर दिया।
श्री कृष्ण को इस बारे में पता चला तो उन्होंने राधा रानी को संतान रहित रहने का श्राप दिया।
लेकिन इस कथा में कितनी सच्चाई है ये बता पाना मुश्किल है।