रावण द्वारा लिखा गया था रावण को पत्र

30 Sept 2025

By: Simran Singh

NavBharat Live Desk

द्वीत, जिसे द्विविद भी कहा जाता है, सुग्रीव के मंत्री मैंदा का भाई था।

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कहानी की शुरूआत

दोनों भाइयों में हजारों हाथियों का बल माना जाता था।

बल

रावण युद्ध के लिए बनी श्रीराम की वानर सेना में द्वीत भी शामिल हुआ।

सेना में शामिल

युद्ध खत्म होने के बाद द्वीत हर रात लंका जाकर रावण की शिव उपासना में विघ्न डालता।

विघ्न 

परेशान होकर रावण ने इसे युद्ध नियमों के विरुद्ध बताया।

नियम के विरुद्ध 

रावण ने शिकायत करते हुए श्रीराम जी को पत्र लिखा।

लिखा पत्र

श्रीराम ने द्वीत को समझाया, परंतु वह नहीं माना।

राम का समझाना

अंततः श्रीराम ने द्वीत को सेना से निकाल दिया। द्वापर युग में भी द्वीत ने उत्पात मचाया।

सेना से निकाला

भगवान बलराम जी ने उसका वध कर दिया।

बलराम ने किया वध

यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोककथाओं पर आधारित है। इसकी सत्यता की पुष्टि Navabharat नहीं करता।

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