अंग्रेज़ों को उन्हीं के भाषा में सबक सीखने वाले सुभाष चंद्र बोस की आज पुण्यतिथि है।

उनके नारे आज भी लोगों के खून में उबाल ला देते हैं, आइए आज उनके नारों के जरिये उन्हें याद करते है।

तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा।

सफलता, हमेशा असफलता के स्‍तंभ पर खड़ी होती है।

सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है।

अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़े, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है।