जानिए भगवान गणेश के पेट का लौकिक महत्व

By: Deepika Pal

NavBharat Live Desk

भगवान श्रीगणेश को लंबोदर के नाम से भी जानते है। भगवान के उदर (पेट) का लौकिक महत्व होता है।

लंबोदर

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यहां पर लंबोदर नाम का लौकिक रूप खुशी और आनंद की स्थिति को दर्शाता है।

खुशी और आनंद 

कहा जाता है कि गणेश जी का पेट पूरे ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सात लोक और सात महासागर आते है।

ब्रह्मांड का प्रतीक

गणेश जी का पेट भरा हुआ और गोल है, जो जीवन में खुशी और संतोष की भावना को दर्शाता है।

समृद्धि और संतोष

 भगवान गणेश जी का पेट अच्छी और बुरी बातों को पचाने की क्षमता का प्रतीक माना जाता है।

ज्ञान और समझ

गणेश जी के चेहरे की शांत अभिव्यक्ति हमें सिखाती है कि जीवन के उतार-चढ़ाव को धैर्य रखना चाहिए।

शांत अभिव्यक्ति

गणेश जी का पेट सभी चीजों को स्वीकार करने और सकारात्मकता बनाए रखने का प्रतीक होता है।

सकारात्मकता

गणेश जी के पेट के चारों ओर बंधा हुआ सांप ब्रह्मांडीय ऊर्जा या कुंडलिनी शक्ति का प्रतिनिधित्व  करता है।

कुंडलिनी शक्ति

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