डिलीवरी के बाद मूड डिसऑर्डर और पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण और बचाव!
प्रसव के बाद महिलाओं में अवसाद (Depression) भी एक बड़ी समस्या है।
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डिलीवरी के बाद कई महिलाएं तनाव का शिकार हो जाती हैं। कभी-कभी तनाव का स्तर इतना बढ़ जाता है कि यह मां और बच्चे दोनों के लिए खतरनाक हो सकता है।
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प्रसव के बाद महिलाओं में होने वाले अवसाद को पोस्टपार्टम डिप्रेशन कहा जाता है और इसके लक्षण प्रसव के करीब 4 सप्ताह बाद दिखने लगते हैं।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन एक तरह का मूड डिसऑर्डर है, जो कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के बाद प्रभावित करता है।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन में महिलाएं उदासी, चिंता और थकान महसूस करती हैं। प्रसव के बाद महिला के हार्मोन में तेजी से गिरावट होती है, जिसे रासायनिक परिवर्तन कहा जाता है।
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डिलीवरी के बाद करीब एक साल तक अच्छी देखभाल की जरूरत होती है, इस दौरान महिला से भावनात्मक रूप से जुड़े रहें।
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डिलीवरी के बाद महिला को परिवार के लोग इमोशनल सपोर्ट देकर भी डिप्रेशन से बाहर निकाल सकते हैं।
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अपनी भावनाओं को अपने तक ही सीमित न रखकर अपने पार्टनर और करीबी दोस्तों को बताएं।
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जितना हो सके आराम करें, जब बच्चा सो रहा हो तो खुद भी सोएं। साथ ही स्वस्थ आहार लें।
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शॉपिंग करें और पति के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं।
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महिला पोस्टपार्टम डिप्रेशन का शिकार न हो, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि घर का माहौल अच्छा हो।