भारत समेत दुनियाभर में इस्तेमाल की जाने वाली इलायची सबसे पुरानी जड़ी-बूटियों में से एक है।

भारत में इलायची वाली चाय काफी लोकप्रिय है और इसलिए यह हर भारतीय रसोई में पाई जाती है।

अंग्रेजी भाषा में इसे कार्डमम के नाम से जाना जाता है और इसका वैज्ञानिक नाम इलेटेरिया कार्डमम है।

आयुर्वेद के अनुसार इलायची में शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने की शक्ति होती है।

अध्ययन बताते हैं कि इलायची के सेवन से लीवर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद मिल सकती है, लीवर स्वस्थ रहता है।

मुंह की बदबू को दूर करने के लिए इलायची का व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है।

मुंह की बदबू को दूर करने के लिए आप रोजाना सुबह और शाम एक-एक इलायची को कुछ मिनट तक चबा सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, इलायची तीनों दोषों को संतुलित करने के लिए अच्छा है, और एक उत्कृष्ट पाचक माना जाता हैं।

इलाइची विशेष रूप से सूजन और आंतों की गैस को कम करने में फायदेमंद होता है।

यह पेट और फेफड़ों में कफ को संतुलित करने के लिए उत्‍कृष्‍ट है।

यह वात को शांत करने के लिए भी उपयोगी है।

सांसों को तरोताजा करने के लिए अक्सर इलायची के बीजों को चबाया जाता हैं।

एक उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट होने के नाते, इसका उपयोग रक्तचाप, अस्थमा, अपच, पेशाब में जलन और कई अन्य विकारों के इलाज में किया जाता है।

यह दिल की सेहत लिए अच्छा हैं। साथ ही, स्वाद और पाचन में सुधार करता हैं।