Digital Personal Data Protection Bill को कैबिनेट की मंजूरी, जानें कैसे मिलेगी मदद?

देश और दुनिया में टेक्नोलॉजी के लगातार विस्तार से इसका दुरुपयोग भी हो रहा है।

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डेटा चोरी के साथ-साथ साइबर क्राइम को रोकने के लिए सरकार ने निजी डेटा की सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम उठाया है, जिसे कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।

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Data Protection Bill को पहली बार नवंबर 2022 में ड्राफ्ट किया गया था। कई पब्लिक कंसल्टेशन के बाद दूसरा ड्राफ्ट बनाकर पिछले महीने इसे अपलोड किया गया है।

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डेटा प्रोटेक्शन बिल भारतीय यूजर्स के निजी डेटा को पूरी तरह से सुरक्षित करना है ताकि किसी नागरिक की डिजिटल पहचान के साथ छेड़छाड़ न की जा सके।

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यह एक ऐसा कानून है जो डिजिटल प्लेटफॉर्म को यूज करने वालों के अधिकारों और ड्यूटीज को तय करता है।

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इस बिल को डेटा इकोनॉमी के 6 प्रिंसिपल्स के आधार पर बनाया गया है।

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इस बिल में किये गए प्रावधानों के मुताबिक देश के निजी डेटा का संग्रह और उपयोग लीगल मीडियम से होना चाहिए और इसके मिसयूज को कंट्रोल और  प्रोटेक्शन को लेकर पारदर्शिता बरती जानी चाहिए।

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डेटा कलेक्शन केवल कानूनी उद्देश्य के लिए होना चाहिए और उद्देश्य पूरा होने के बाद उसे डिलीट कर देना चाहिए।

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डेटा प्रोटेक्शन बिल के मुताबिक देश के किसी भी नागरिक का केवल रिलेवेंट डाटा पहले से निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए ही करना चाहिए।

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बिल के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के सिर्फ रिलेवेंट डेटा ही कलेक्ट किए जाने चाहिए।

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नियम के मुताबिक डेटा के इस्तेमाल करने वाली इकाइयों की जवाबदेही तय की जाएगी, जिससे उसके गलत इस्तेमाल पर कार्रवाई की जा सके।

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अगर डेटा ब्रीच होता है तो इसे लेकर निष्पक्ष, पारदर्शी और न्यायसंगत तरीके से डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड में कार्रवाई होनी चाहिए।

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अगर डाटा कलेक्शन में इन उपरोक्त शर्तों का उल्लंघन किया गया, तो जिम्मेदार होने पर 250 करोड़ रुपये के कठोर दंड का भी प्रावधान किया गया है।

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