मुंबई में जलापूर्ति करने वाली झीलों में पानी का स्तर नीचे चला गया है। मुंबई में जल संकट की स्थिति बन रही है।

बीएमसी मार्च की शुरुआत से मुंबई में 10 फीसदी पानी की कटौती पर विचार कर रहा है।

दिसंबर से शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लगभग 15.49 लाख लीटर पानी का प्रतिदिन उपयोग किया जा रहा है।

निवासियों ने हाल के दिनों में ‘बीएमसी द्वारा पानी की बर्बादी’ की आलोचना करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का भी सहारा लिया है।

हालांकि सड़क धोने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पानी बोरवेल और सीवेज संयंत्रों से निकाला गया पानी है। ये पीने का पानी नहीं है।

फिर भी सोशल मीडिया पर पानी की इस बर्बादी पर लोग नाराज़ नज़र आ रहे हैं। उनका मानना है कि इस पानी का इस्तेमाल और काम में किया जा सकता है।

मुंबई में वायु प्रदूषण के चलते 660 किमी सड़क पर पानी की बौछार की जा रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिसंबर में इसकी शुरुआत की थी।

मुंबई की 422 सड़कों पर पानी की बौछार की जा रही है। इसके लिए 211 टैंकर तैनात किए गए हैं। 18 मिस्टिंग मशीनें अन्य 60 किमी सड़कों को कवर करती हैं।