देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बेहद खतरनाक स्थिति में 188 इमारतें हैं।

बीएमसी की नोटिस के बावजूद भी लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने को तैयार नहीं हैं।

खतरनाक इमारतों में रह रहे लोगों को डर है कि उनके घरों पर मालिक कब्जा कर लेंगे।

इन इमारतों में रहने वाले लगभग 8 हजार से अधिक लोग मौत के साए में जीने को मजबूर हैं।

मानसून में घरों व इमारतों का हिस्सा गिरने की घटनाएं सामने आने लगी हैं।

बीते रविवार को हुई पहली बारिश में एक निर्माणाधीन इमारत का हिस्सा गिरने से पिता-पुत्र की मौत हो गई।

महानगर में जर्जर इमारतों की संख्या करीब 6 हजार है. इनमें 188 इमारतें अति जर्जर श्रेणी में हैं।

मुंबई में म्हाडा ने भी अपने अधीन 20 उच्च जोखिम वाली इमारतों की सूची हाल में जारी की है।

इन इमारतों में बारिश के दौरान कभी भी हादसा हो सकता है।