400 लग्जरी गाड़ियों का मालिक है यह नाई, आज भी चलाता है सैलून
आज शान-औ-शौकत की जिंदगी जीने वाले रमेश बाबू कभी एक-एक पैसे को मोहताज थे।
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पिता जी विरासत में एक छोटा सा सैलून छोड़ गये थे। रमेश बाबू ने इसे ही अपनी आजीविका बना लिया। संयोगवश यह सैलून चलने लगा और अच्छी आमदनी होने लगी।
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रमेश बाबू ने थोड़े से पैसे जमाकर एक मारुती ओमिनी खरीद ली और उसे किराए पर देना शुरू कर दिया।
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लेकिन इंस्टॉलमेंट समय पर जमा ना कराने के कारण बैंक ने ये गाड़ी खींच ली।
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इसके बावजूद रमेश बाबू ने हिम्मत नहीं हारी। वह बेंगलुरु में ट्रेवल बिजनेस की बारीकियों को समझ चुके थे।
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रमेश बाबू की मां के कारण उन्हें एक बड़ी कंपनी में गाड़ियां किराए पर देने का कॉन्ट्रेक्ट मिल गया।
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साल 2004 में रमेश बाबू ने लग्जरी कार रेंटल और सेल्फ ड्राइव बिजनेस शुरू किया। इसमें सबसे पहले उन्होंने 38 लाख रुपए की मदद से मर्सिडीज ई क्लास लग्जरी सदन में निवेश किया।
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रमेश बाबू की मेहनत रंग लाई और उनके गेराज में गाड़ियों की संख्या लगातार बढ़ने लगी, जिसमें 3 मर्सिडीज और 4 बीएमडब्ल्यू गाड़ियां मौजूद थीं।
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रमेश अपनी मेहनत से टूर्स एंड ट्रैवलर्स के मालिक बन गए।
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2004 में शुरू हुआ रमेश बाबू का बिजनेस, जो कि आज भी उसी प्रकार चल रहा है। अब वह न केवल बेंगलुरु में बल्कि दिल्ली, चेन्नई में भी अपना बिजनेस चला रहे हैं।
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लेकिन सबसे अहम बात ये है कि रमेश बाबू आज भी अपने सैलून जाकर ग्राहकों के बाल जरूर काटते हैं।