प्रदूषण से फेफड़ों की सेहत सुधारने के लिए करें ये योगासन

सांस और फेफड़ों से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर भी अनुलोम-विलोम प्राणायाम बहुत फायदेमंद होता है।

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गहरी साँस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है, ऑक्सीजन लेवल बेहतर होता है और समग्र श्वसन क्षमता बढ़ती है।

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ताड़ासन उचित मुद्रा को बढ़ावा देकर छाती का विस्तार करता है।

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ताड़ासन गहरी सांस लेने में मदद और श्वसन मांसपेशियों को मजबूत करता है।

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भुजंगासन से छाती और फेफड़ों का विस्तार होता है।

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इससे रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन और श्वसन क्रिया में सुधार होता है।

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सेतुबंधासन छाती और फेफड़ों को मजबूत बनाता है।

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यह आसन छाती की गुहा को खोलकर फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है।

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बालासन छाती में तनाव से राहत देता है और सांस लेने को प्रोत्साहित करता है।

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यह श्वसन और फेफड़ों की कार्यप्रणाली में सुधार करता है।

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Disclaimer: यहां दी गई सलाह और सुझाव केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए हैं। किसी भी उपाय को अपनाने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

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