By - Deepika Pal
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सितंबर की शुरूआत में 2 सितंबर को पोला पर्व मनाया जाता है।
छत्तीसगढ़ के साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में खास तरीके से मनाते है।
इस दिन पर किसान सुबह से अपने बेलों को नहलाकर पूजा करते हैं मीठा खिलाते है।
पौराणिक कथा के अनुसार, मामा कंस के भेजे पोलासुर नामक असुर का वध किया था जब से पोला कहा जाने लगा।
पोला पर्व के मौके पर गेंहूं के आटे से मीठे ठेठरी-खुरमी बनाया जाता है।
इस दिन मिट्टी और लकड़ी से बने बैल चलाने की भी परंपरा होती हैं जो बाजार में पहले से मिलने लगते है।