By - Sonali Jha
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अशोक कुमार ने साल 1936 में रिलीज़ हुई अपनी पहली फिल्म 'जीवन नैया' में एक गाना गाया था।
इसके बाद साल 1943 में फिल्म 'किस्मत' में अशोक कुमार एंटी-हीरो की भूमिका में नज़र आए थे।
ऐसा कहा जाता है कि जब अशोक कुमार जब हीरो बने तब उनके घर पर काफी हड़कंप मच गया।
अशोक कुमार की तय की गई शादी भी टूट गई। इसके वाकये के बाद उनकी मां रोने लगीं और उनके पिता नागपुर गए।
कुछ दिनों बाद अशोक कुमार के पिता ने उन्हें एक्टिंग छोड़ने को कहा लेकिन उस समय हिमांशु राय ने अकेले में उनके पिता से बात की।
हिमांशु राय ने एक्टर के पिता से कहा था कि हैं कि, अगर अशोक कुमार यही काम करेगा, तो बहुत ऊंचे मकाम तक पहुंचेगा।
साल 1988 में अशोक कुमार को फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बड़े सम्मान दादा साहब फाल्के पुरस्कार से नवाज़ा गया।
अशोक कुमार ने 'किस्मत', आंखों में तुम हो, प्यार की जीत, मिस्टर इंडिया, जवाब हम देंगे जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया।