सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव के पूर्व नतीजे को पलटते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया।

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को विजयी घोषित कर दिया है। चुनाव के बाद पीठासीन अधिकारी ने BJP उम्मीदवार को विजयी घोषित किया था।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के बाद से ही नतीजे की आलोचना हो रही थी। वो नतीजा अनिल मसीह ने लिया था। जिनपर चुनावी मतपत्रों के साथ छिड़छाड का आरोप है।

अनिल मसीह चंडीगढ़ मेयर चुनाव के पीठासीन अधिकारी हैं। मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने पर सुप्रीम को मसीह को फटकार लगा चुकी है।

अदालत ने कहा कि जिन मत पत्रों को उन्होंने अमान्य करार दिया था, क्या उनके साथ जानबूझकर छेड़छाड़ की गई थी?

कोर्ट के सामने पेश हुए अनिल मसीह ने स्वीकार किया कि उन्होंने मतपत्रों पर निशान बनाए थे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनिल मसीह को सीआरपीसी की धारा 340 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस भेजा जाए।

धारा 340 का मतलब होता है अदालत के सामने झूठी गवाही, इस धारा के तहत मसीह को नोटिस का जवाब देना होगा।

आरोप साबित होने पर धारा 340 के तहत 7 साल की सज़ा का प्रावधान है।

चंडीगढ़ का मेयर चुनाव शुरू होने के पहले से ही चर्चा में बना हुआ है।

मेयर चुनावी नतीजे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तारीफ़ हो रही है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया है।

जब अनिल मसीह ने फैसला सुनाया था तब आप और कांग्रेस ने फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया था क्योंकि संख्या बल के हिसाब से आप और कांग्रेस बीजेपी से ज्यादा थे।