By - Shiwani Mishra

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उत्तर भारत में इन दिनों ठंड की शुरुआत हो गई है।  ऐसे में लोगों की बातचीत का विषय ज्यादातर गिरता तापमान के इर्द गिर्द ही है।

 भारत में बीयर पीने का चलन बढ़ रहा है, और साथ ही बढ़ रही है बीयर की वैरायटी आज भारत में 100 से ज्यादा तरह की बीयर बनाई जाती है।

बीयर

बीयर पीने पिलाने से इतर क्या आपने कभी सोचा है कि इसकी बोतलें अलग-अलग रंगों में क्यों नहीं आती हैं।

अलग-अलग रंगों में

बीयर की बोतलें ज्यादातर ग्रीन या ब्राउन कलर की होती हैं। ये रंग चुपचाप सूरज की रोशनी से लड़ने का काम रहते हैं।

ग्रीन या ब्राउन

बीयर की बोतलों का रंग सिर्फ दिखावे या मार्केटिंग के लिए नहीं होता है। बल्कि इसका बीयर के स्वाद और ताजगी को बनाए रखने में बहुत बड़ा महत्व है।

मार्केटिंग

ब्राउन या भूरी बोतलें आपकी बीयर की सबसे अच्छी सुरक्षा करती हैं। ये बोतलें हानिकारक यूवी किरणों को आपकी बीयर में प्रवेश करने से रोकती हैं।

हानिकारक यूवी किरणों

  ये बीयर में मौजूद संवेदनशील यौगिकों को रासायनिक प्रतिक्रियाओं से बचाती हैं, जो अप्रिय स्वाद पैदा कर सकती हैं।

अप्रिय स्वाद

हरी बोतलें भूरे कांच की तरह यूवी किरणों से सुरक्षा नहीं देतीं। हरी बोतलों में रखी बीयर को लेकर जोखिम बना रहता है।

हरी बोतलें