
बोधगया विधानसभा, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Bodh Gaya Assembly Constituency: बोधगया विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, बिहार राज्य के गयाजी जिले में स्थित एक महत्वपूर्ण राजनीतिक केंद्र है, जो अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित है और गयाजी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
यह सीट न केवल चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह विश्व के प्रमुख व पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यहीं बोधि वृक्ष के नीचे गौतम सिद्धार्थ ने अलौकिक ज्ञान प्राप्त किया, जिसके उपरांत उन्हें बुद्ध कहा गया।
हिमालय की तराई में स्थित कपिलवस्तु (वर्तमान नेपाल में) के शाक्य गणराज्य के राजकुमार के रूप में जन्मे बुद्ध के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं, जैसे ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण, दोनों बिहार में ही घटित हुए। बौद्ध धर्म का वास्तविक उदय बिहार में हुआ और बुद्ध के उपदेशों, उनकी सरलतम जीवन शैली और हर जीवित प्राणी के प्रति करुणा के कारण यह पूरे विश्व में फैला।
यह भी महत्वपूर्ण है कि बिहार राज्य का नाम भी ‘विहार’ शब्द से व्युत्पन्न है, जिसका तात्पर्य उन बौद्ध विहारों से है जो बिहार में फैले थे। बुद्ध के महापरिनिर्वाण के सैकड़ों वर्ष बाद मगध के मौर्य राजा अशोक (268 ईस्वी पूर्व से 232 ईस्वी पूर्व) ने बौद्ध धर्म के पुनरुत्थान और व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अनेक प्रयास किए। अशोक ने बौद्ध भिक्षुओं के लिए चैत्य और विहार बनवाए जिससे बोधगया की विरासत और अधिक समृद्ध हुई।
बोधगया में दुंगेश्वरी मंदिर लोगों की आस्था से जुड़ा है। मान्यताओं के अनुसार, ज्ञान प्राप्ति के पूर्व सिद्धार्थ गौतम ने यहां 6 वर्षों तक ध्यान किया था। इस जीवन चरण की याद में दो छोटे मंदिर बनाए गए हैं। इसके अलावा, बोधगया के अन्य प्रमुख आकर्षणों में यहां की 80 फीट की बुद्ध की प्रतिमा, ब्रह्मयोनि, चीनी मंदिर, जापानी मंदिर, तिब्बती मठ और मैत्रेय प्रॉजेक्ट शामिल हैं, जो इसे एक वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बनाते हैं।
बोधगया 1957 में विधानसभा क्षेत्र के रूप में स्थापित हुआ और यहां अब तक 18 चुनाव हुए हैं। इस सीट पर विभिन्न दलों को जीत मिली है।
राजद का प्रभुत्व: राजद (RJD) ने सबसे अधिक पांच बार जीत हासिल की है, जो इस क्षेत्र में उसके मजबूत जनाधार को दर्शाता है।
अन्य दल: भाजपा को तीन बार जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने दो बार विजय प्राप्त की। भारतीय जनसंघ, स्वतंत्र पार्टी, जनता पार्टी, लोक दल, और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) को एक-एक बार जीत मिली।
पिछले दो चुनाव से यहां राजद का दबदबा है। 2015 में राजद के कुमार सर्वजीत ने 30 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी, और उन्होंने 2020 में भी भाजपा के हरी मांझी को हराकर अपनी जीत दर्ज की।
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आगामी Bihar Assembly Election 2025 में, राजद के कुमार सर्वजीत के सामने लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने की चुनौती है। इस बार बोधगया से चुनाव मैदान में 10 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है:
राजद: कुमार सर्वजीत (मौजूदा विधायक)
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास): श्यामदेव पासवान
जन सुराज पार्टी: लक्ष्मण मांझी
यह मुकाबला न केवल एससी समुदाय के वोट बैंक पर निर्भर करेगा, बल्कि श्यामदेव पासवान की दावेदारी एनडीए गठबंधन की ओर से राजद के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर रही है।






